Motivational Stories : एक बार की बात है एक लड़का अपने छोटे से गांव में रहता था उसका नाम रोहन था उसका सपना था की वो एक बड़ा व्यापारी बने लेकिन जब उसने अपने सपने के बारे में अपने आस पास के लोगो को बताया तब वो सब हंसने लगे सब कहने लगे! "भाई हम इतने छोटे से गांव में रहते हैं जब आज तक हमारे गांव के किसी भी इंसान कुछ बड़ा गांव नही किया तो हम क्या करेंगे"
तब दूसरे व्यक्ति ने कहा "व्यापार करने के इंसान को पढ़ाई लिखाई पूरी करने बहुत ज़रूरत होती हैं और हमारे गांव में कौन इतना पड़ा लिखा है जो तुम्हे उस काबिल बना देगा!"
ये सब सुनकर तीसरे व्यक्ति ने कहा "अगर पड़ लिख भी गए तो व्यापार के लिए पैसे कहा से लाओगे व्यापार को बड़ा बनाने में दो चार रुपए नही लगते!"
सबकी ये बाते सुनकर रोहन उदास हो गया तब रोहन का दोस्त राहुल उसके पास आया और बोला "क्या हुआ भाई आज बहुत परेशान लग रहे हो सब ठीक तो हैं न?"
रोहन ने हंसकर कहा "आज खुली आंखों से पहली बार एक सपना देखा था थोड़ी ही देर मे वो सपना टूट गया"
राहुल ने मुस्कुराकर कहा "क्या सपना था ? मुझे बताओ मैं अभी जोड़ देता हूं।"
रोहन ने कहा "मैं चाहता हूं की मैं बड़े होकर एक बहुत बड़ा व्यापारी बनू"
राहुल ने कहा "तो इसमें परेशानी क्या है तू जो बनना चाहता है तू वो बन सकता हैं
रोहन ने कहा "इस काम के लिए इंसान का पड़ा लिखा होना ज़रूरी है"
राहुल ने रोहन से सवाल पूछा "ये सारी बाते तुमसे किसने कही?"
रोहन ने कहा " मेरे घर के आस पास के लोगो ने"
तब रोहन ने गुस्से में कहा "तुम पागल हो क्या तुम्हे नही पता? मेरे पिता एक बहुत ही बड़े अध्यापक हैं अगर तुम उनसे बात करते तो तुम्हे कोई न कोई सुझाव ज़रूर देते"
राहुल ने कहा "वो सब तो ठीक है लेकिन मैं इतने बड़े व्यापार के लिए पैसे कहां से लाऊंगा"
रोहन ने कहा " पहले पिताजी के पास चलकर बात करते हैं फिर पैसों के बारे में बाद में सोचेंगे
रोहन और राहुल दोनो रोहन के पिता के पास गए और उनको ये सारी बाते बताई
रोहन के पिता ने कहा "ये बात तो सच है की तुम्हे अपने सपने पूरे करने हैं तो तुम्हे शिक्षा-प्राप्त करना बहुत ज़रूरी है और हमारे गांव में बस एक ही स्कूल जिसे मेरे पिताजी ने शुरू किया था और आज मैं उस स्कूल का टीचर हूं।
अगर तुम्हे अपने सपनो को पर करने के लिए शिक्षा प्राप्त करनी है तो बेहतर होगा की तुम यहां रहकर नही बल्कि शहर जाकर अपनी शिक्षा पूरी करनी चाहिए।"
ये सुनकर रोहन ने कहा "पिताजी आपने भी तो शहर जाकर अपनी शिक्षा पूरी की थी तो क्या आप राहुल को वो शिक्षा नही दे सकते जिससे वो एक बड़ा व्यापारी बन जाए ?"
रोहन के पिताजी ने बहुत ही प्यार से रोहन को समझाया की " मैं तो को अपना विद्यार्थी बनाने के लिए तैयार हूं लेकिन इस गांव का माहौल और यह के लोगो की सोच बहुत ही छोटी है ।
अगर राहुल शहर जाकर अपनी शिक्षा पूरी करेगा तो वहा पर कई सारे बड़े बड़े व्यापारियों के बारे में भी जान पाएगा वहा के लोगो के साथ रहकर राहुल बहुत कुछ नया सीखेगा।"
ये सारी बाते सुनकर राहुल ने कहा "अगर मैं शहर जाने की सोची भी तो मेरे पास इतने पैसे नही की मैं शहर जाकर वहां के बड़े स्कूल में दाखिला लू और वहा हर चीज़ कितनी मैहंगी होगी मैं वहां पर अपना खर्चा कैसे चलाऊंगा यह तो मेरी मां सबके घरों में साफ सफाई करती है तब जाकर हम दो वक्त का खाना खाते है।"
रोहन के पिता कहते हैं "तुम पैसों की फिक्र मत करो जब तक तुम पैसे कमाने के काबिल नही हो जाते तब तक मैं तुम्हे पैसे दूंगा तुम्हे बस अपना ध्यान अपने लक्ष्य पर रखना होगा जो बोला है वो करके दिखाना होगा"
राहुल ये सुनकर कहता है मैं आपसे पैसे नही ले सकता
रोहन के पिता कहते हैं "फिक्र मत करो जब तुम एक कामयाब इंसान बन जाओगे तब तुम मेरे पैसे मुझे वापस कर देना और जब भी तुम्हे हमारी ज़रूरत हो तब तुम हमसे बात करना और हां इतना याद रखना की असफल होकर मत आना चाहे कुछ भी हो जाए"
ये कहकर रोहन के पिता राहुल को कुछ किताबे देते है और कहते हैं
" इन किताबों में उन बड़े-बड़े व्यापारियों की कहानियाँ लिखी हैं। जिन्होनें तुम्हारी तरह एक बड़ा व्यापारी बनने का सपना देखा था
Motivational stories In Hindi
और उन्हें भी अपनी जीवन के सारे कठिनाइयों का सामना करते हुए भी हर नहीं मानी,
इसलिए वो सब आज एक सफल व्यापारी बन पाए अगर तुम्हें भी सफल व्यापारी बनकर सफलता हासिल करनी है तो तुम्हें भी इनकी तरह संघर्ष करना होगा
राहुल रोहन के पिता को बात मान कर गांव से शहर चला जाता हैं
कुछ साल बाद जब राहुल अपने गांव वापस आता है तब वो हैरान हो जाता हैं। क्युकी अब उसका गांव पहले तरहं बदल चुका होता है क्यूंकि अब उसके गांव में सिर्फ एक स्कूल नही था बल्कि बहुत सारे स्कूल और कालेज बन चुके थे और तो और पक्की सड़कें और वहां का माहौल एक दम शहर की तरह हो गया था।
राहुल वहां गुज़र रहे एक बच्चे को रोकता है। बच्चा जब राहुल को सूट पहने देखता है तब वो पूछता है How Can I Help You राहुल बच्चे को इंग्लिश बोलता हुआ देखता तब हैरान होकर बोलता है क्या कहा ?
बच्चा हंसकर बोलता है क्या सर सूट वुट पहनकर तो ऐसे घूम रहे हो जैसे कहीं के बहुत बड़े व्यापारी हो लेकिन आपको तो इंग्लिश बोलना भी नही आती।
राहुल कहता है "बेटा मैं रोहन से मिलना चाहता हूं जो पहले यही रहता था अब पता नही कहा चला गया क्या तुम मुझे उसका पता बता सकते हो
बच्चा बोलता है सर यहां पचास रोहन रहते हैं आपको कौनसा वाला चाहिए मुझे कैसे पता चलेगा
राहुल बोलता है यहां कुछ साल पहले एक ही स्कूल हुआ करता था उस स्कूल के टीचर का बेटा रोहन मुझे उससे मिलना है।
बच्चा पूछता है क्यों?
राहुल बोलता है वो मेरा बचपन का दोस्त है में काफी समय बाद शहर से यहां आया हूं।
बच्चा पूछता है आपका नाम राहुल है?
राहुल बोलता है हां। तुम्हे कैसे पता ?
बच्चा बोलता है वो मेरे पिताजी ने मुझे आपके बारे बताया था वो तो आपकी बहुत बहुत सारी अच्छी अच्छी बाते बताते हैं
राहुल हैरान होकर पूछता है तुम्हारे पिताजी मुझे कैसे जानते है
बच्चा बोलता है वो रोहन जिनसे आप मिलने आए हो वो मेरे पिताजी ही तो हैं
ये सुनकर राहुल खुश होकर बोलता है कहा हैं तुम्हारे पिताजी
बच्चा बोलता है चलो मेरे साथ
बच्चा राहुल को रोहन के पास लेकर जाता है
जब रोहन और राहुल एक दूसरे को देखते हैं तो एक दुसरे को पहचान ही नही पाते।
बच्चा रोहन से कहता है पिताजी आपके दोस्त आपसे मिलने आए हैं
रोहन राहुल से कहता है आप कौन हो
बच्चा ये सुनकर ज़ोर ज़ोर से हसने लगता है और कहता है आप बार बार कहते रहते हो अपना होमवर्क याद रखा करो और खुद अपने बचपन के दोस्त को ही भूल गए
रोहन बोलता है कौन सा बचपन का दोस्त?
बच्चा हसकर बोलता हैं आपकी याददाश चली गई है क्या आप रोज़ मुझे जिन राहुल अंकल की कहानियां सुना सुना कर पकाते हो ये वही तो हैं
रोहन हैरान होकर बोलता है ये सूट पहनकर खड़ा है
तो बच्चा कहता है आप क्या नंगे खड़े हो? आप भी तो बड़े बड़े मंत्रियों की तरह फैशनेबल कपड़े पहने हो
ये सब सुनकर राहुल कहता है तेरा बेटा बिल्कुल तेरी तरह है
रोहन राहुल से पूछता है क्या तेरा सपना पूरा हो गया
राहुल कहता है हां यार लेकीन मेरा सपना तो शुरुआत ही टूट गया था जब मैंने तो में ही हार मान ली थी लेकिन फिर तुम आया तुमने कहा की तुम मेरे टूटे हुए सपने को जोड़ेगा।
अगर तुम और तुम्हारे पिताजी मेरे साथ नही होते तो मैं तो आज कुछ भी नहीं होता तुम्हारे पिताजी ने को पैसे मेरे ऊपर और मेरी पढ़ाई पर खर्च किए आज मैं उनके वो पैसे वापस करना चाहता हूं
ये सुनकर बच्चा बोलता है उसके लिए तो आपको ऊपर जाना होगा
राहुल बोलता बोलता है ऊपर क्यों ?
रोहन कहता है कि अब वो इस दुनिया में नही रहे
राहुल ये सुनकर दुखी हो जाता हैं और गुस्से में बोलता है तूने मुझे बताया भी नहीं
रोहन बोलता है अगर मैं तुझे बता देता तो तू यह आ जाता और उस वक्त न जाने कितने लोग यहां पर ऐसे थे जो हमारी सोच के खिलाफ थे अगर तू यह आता यहां के लोग तुझे वापस नही जाने देते।
राहुल बोलता मतलब क्या तुम्हारा?
रोहन कहता है शुरू से बताता हूं मेरे जब मेरे दादाजी स्कूल में पढ़ाया करते थे तब वो लोगोंको ये बोल बोल कर थक गए की हमारा गांव भी बेहतर हो सकता हैं हम चाहे तो हमारे भविष्य भी सुधार सकते है। लेकिन किसी ने भी मेरे दादा जी की बात नही सुनी सब अपनी छोटी सोच लेकर जीते रहे
मेरे पिताजी के वक्त भी सब यही सब कुछ कर रहे थी किसी को भी शिक्षा का महत्व पता ही नही था और ना ही कोई जानना चाहता था
इसलिए जब तुमने एक बड़ा व्यापारी बनने का सपना देखा तब मेरे पिताजी को तुममें एक उम्मीद नज़र आई उनको लगा की अगर तुम एक बड़े व्यापारी बन जाओगे तो यहां पर रह रहे हर एक इंसान को मेरी बात पर भरोसा हो जायेगा
और जब मेरे पिताजी ने मुझे ये सारी बाते बताई तब मैंने भी इस गांव को और बेहतर बनाने का सपना देखा जो भी मेरी बात उस वक्त नही मानता मैं उन्हे तुम्हारी मिसाल देता और कहता की
अगर आप सब लोग मेरा साथ देंगे तो जो शिक्षा पाने के लिए राहुल शहर जाना पड़ा वो शिक्षा आपके बच्चो को यही पर ही मिल जाएगी कई लोग मेरे खिलाफ थे पर कुछ मेरे साथ थे और उन्ही की मदत से इस गांव को मैं बेहतर बना पाया
राहुल बोलता है वही इस गांव का तो तूने पूरा नक्शा ही बदल दिया।
रोहन कहता है ये सब कुछ तुम्हारी वजह से मुमकिन हो पाया
राहुल कहता है नही ये सब कुछ तुम्हारे पिताजी की अच्छी सोच और तुम्हारी मेहनत की वजह से मुमकिन हुआ मैं तो बस अपने भविष्य के बारे में सोच रहा था तुमने तो हमारे गांव का भविष्य ही बदल दिया।